हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के चिड़गांव क्षेत्र के लिंबरा गांव में 12 साल के किशोर की जहर खाने से मौत के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी महिला के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है। इससे पहले आरोपी पर आत्महत्या के लिए उकसाने, पिटाई और प्रताड़ित करने जैसी धाराएं लगाई जा चुकी हैं।
पुलिस के अनुसार, मृतक किशोर के पिता बिटू ने बताया कि 16 सितंबर की शाम करीब 7:30 बजे जब वह घर पहुंचे, तो उनका बेटा अचेत अवस्था में बिस्तर पर पड़ा था। परिजनों ने तुरंत उसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोहड़ू ले जाया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए उसे आईजीएमसी शिमला रेफर किया। उपचार के दौरान किशोर ने 17 सितंबर की रात करीब 1:30 बजे दम तोड़ दिया।
मौके पर जुटी जानकारी के अनुसार, किशोर ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। मृतक की मां सीता देवी ने बताया कि 16 सितंबर को उनके बेटे को गांव की तीन महिलाओं ने गोशाला में बंद कर दिया था। यह प्रताड़ना इसलिए दी गई थी क्योंकि वह अनुसूचित जाति से संबंधित था और खेलते-खेलते दूसरी जाति के घर चला गया था।
रोहड़ू के डीएसपी प्रणव चौहान ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि परिजनों और मृतक की मां के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। फिलहाल इस घटना में एक महिला का नाम सामने आया है और अन्य आरोपी की पहचान की जा रही है।
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