विकासखण्ड आनी की ग्राम पंचायत रोपा में करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ है। पंचायत प्रधान पर पिछले चार साल आठ महीने के कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं की धनराशि का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायत सीधे मुख्यमंत्री, पंचायत राज मंत्री और विजिलेंस विभाग तक पहुंच चुकी है।
शिकायतकर्ता ने ठोस सबूत और दस्तावेज सरकार को सौंपे हैं। आरोप है कि पंचायत प्रधान ने 23 कार्यों में योजनाओं का शत-प्रतिशत वित्तीय शोषण किया। पंचायत खाते से मनरेगा, BASP, SDP, SDRF, VKVN, VMJS सहित कई योजनाओं में फर्जी भुगतान दिखाया गया। यही नहीं, 14वीं और 15वीं वित्त आयोग से मिली राशि में भी बड़े स्तर पर हेराफेरी के आरोप सामने आए हैं।
शिकायत में दर्ज विवरण के मुताबिक, कई विकास कार्य केवल कागजों तक सीमित हैं, जबकि जमीनी स्तर पर उनका कोई अस्तित्व नहीं है। पंचायत द्वारा बनाई गई रिपोर्टें और खर्च का ब्यौरा भी वास्तविकता से मेल नहीं खाता।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश विजिलेंस विभाग ने जांच शुरू कर दी है। उपायुक्त कुल्लू को भी कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर पंचायत प्रधान सहित कई जिम्मेदार लोग शिकंजे में आ सकते हैं।
गौरतलब है कि यदि यह घोटाला प्रमाणित होता है तो इसे अब तक का सबसे बड़ा पंचायत स्तर पर हुआ वित्तीय घोटाला माना जाएगा। स्थानीय लोग भी प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल विजिलेंस की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
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