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रामपुर में एसडीएम की अध्यक्षता में सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक, 9 मामलों की समीक्षा


उपमण्डलाधिकारी (ना.) हर्ष अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को रामपुर में उपमण्डल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 17(ए) तथा नियम 1995 के अंतर्गत बुलाई गई थी।

एसडीएम ने बताया कि अधिनियम के तहत उपमण्डल में अब तक कुल 9 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3 का निपटारा हो चुका है जबकि 6 मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।बैठक में अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन, कानून-व्यवस्था की स्थिति, जन-जागरूकता कार्यक्रमों और पीड़ितों के पुनर्वास संबंधी प्रावधानों पर चर्चा हुई। एससी/एसटी वर्ग के लिए कार्यशालाओं और प्रचार-प्रसार गतिविधियों पर बल दिया गया, वहीं मुआवज़ा, राहत राशि और पुनर्वास योजनाओं की भी समीक्षा की गई।

एसडीएम हर्ष अमरेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिकायतों का त्वरित व गंभीर निपटारा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्गों को समयबद्ध न्याय दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि यदि इस तरह के प्रकरण सामने आएं तो तुरंत प्रशासन व पुलिस को सूचित करें।

उन्होंने अधिनियम के 2015 संशोधन (प्रभावी 2016) का भी उल्लेख किया, जिसमें सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार, झूठे मामलों में फँसाना, जमीन हड़पना और महिलाओं पर अत्याचार जैसे कई नए अपराध शामिल किए गए हैं। साथ ही मुआवज़े की राशि को तीन किस्तों में उपलब्ध कराने की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है।

बैठक में एसडीपीओ रामपुर नरेश शर्मा, बीडीओ रामपुर राजेंद्र नेगी, बीडीओ ननखड़ी कार्तिकेय डोगरा, तहसील कल्याण अधिकारी कर्मवीर व प्रताप, अधीक्षक ओम प्रकाश सहित गैर-सरकारी सदस्य एडवोकेट डी.डी. कश्यप, शशि जिंटा, अतुल कश्यप और तेज राम कश्यप उपस्थित रहे। बैठक में अधिकारियों व सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित जानकारियां साझा कीं।

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