गुशेनी-पेखड़ी मार्ग पर भेजी जाएगी बड़ी मशीन : चमन ठाकुर
भारी बारिश और भूस्खलन से जूझ रही तीर्थन घाटी में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। घाटी की अधिकांश बिजली, पेयजल और संचार सेवाएं बहाल हो चुकी हैं, जबकि लोक निर्माण विभाग बंद सड़कों को खोलने में जुटा है।
बंजार–गुशेनी मुख्य सड़क पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली है। हालांकि, गुशेनी–बठाहड़ मार्ग 13 अगस्त से ही बंद पड़ा है और अभी भी यातायात शुरू नहीं हो पाया है।
सबसे ज्यादा परेशानी गुशेनी–पेखड़ी मार्ग पर है, जहां भारी भूस्खलन से सड़क कई जगहों पर पूरी तरह टूट गई है। विभाग ने जेसीबी मशीन तैनात की थी, लेकिन बड़े-बड़े पत्थरों के चलते दो दिन में केवल एक किलोमीटर सड़क ही खोली जा सकी। अब इस मार्ग की बहाली के लिए बड़ी मशीन (एलएनटी), टिपर और कंप्रेसर भेजने की तैयारी है।
तीन पंचायतें तुंग, मशीयार और शिल्ली सड़क बंद होने से पूरी तरह कट गई हैं। हजारों ग्रामीणों को रोजमर्रा की जरूरतों के सामान पीठ पर ढोकर लाने को मजबूर होना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या सेब सीजन में आ रही है। किसान बताते हैं कि सड़क बंद होने से बागवानों को सेब मंडियों तक पहुंचाना बेहद महंगा पड़ रहा है।
ऐसे हालात में स्थानीय लोगों ने देसी जुगाड़ से पहाड़ों पर ‘तार स्पेन’ लगा दिए हैं। इनसे सेब की पेटियां और जरूरी सामान सड़कों तक पहुंचाया जा रहा है। यह सहारा किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है।
अधिशासी अभियंता चमन ठाकुर ने बताया कि घाटी की कई सड़कें अगले एक-दो दिन में छोटे वाहनों के लिए बहाल हो जाएंगी। गुशेनी–पेखड़ी मार्ग पर भी जल्द बड़ी मशीन लगाई जाएगी ताकि काम में तेजी लाई जा सके।
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