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एक कॉलेज प्रिंसिपल सहित पांच प्रवक्ताओं को मिलेंगे राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार, सूची जारी


शिमला।

शिक्षक दिवस से पहले हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा जगत को बड़ा तोहफा दिया है। शिक्षा विभाग ने राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित नामों की घोषणा कर दी है। इस बार एक कॉलेज प्रिंसिपल और पांच प्रवक्ता इस सम्मान को अपने नाम करेंगे। सूची जारी होते ही शिक्षा जगत में उत्साह का माहौल है।



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🎓 शिक्षक दिवस पर होगा सम्मान समारोह


5 सितंबर को राजधानी शिमला में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल होंगे और चयनित शिक्षकों को सम्मानित करेंगे।

👉 पुरस्कार में शॉल, टोपी, प्रशस्ति पत्र और 21 हज़ार रुपए की नकद राशि दी जाएगी।

👉 समारोह का सीधा प्रसारण शिक्षा विभाग के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी होगा।



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📌 सूची में किन-किन के नाम


शिक्षा विभाग ने जो सूची जारी की है, उसमें एक कॉलेज प्रिंसिपल और पांच प्रवक्ताओं को शामिल किया गया है। विभाग के मुताबिक चयन शिक्षण शैली, विद्यार्थियों की उपलब्धियां, नवाचार, सामाजिक योगदान और शैक्षणिक सुधारों को आधार बनाकर किया गया है।


हालांकि विभागीय नोटिफिकेशन में शिक्षकों के नाम और संस्थान स्पष्ट रूप से अंकित किए गए हैं। चयनित शिक्षकों का कहना है कि यह सम्मान उनके लिए न सिर्फ गर्व का क्षण है बल्कि आने वाले समय में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा भी देगा।



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✍️ चयन प्रक्रिया कैसे होती है?


राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हर साल विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू होती है।


सबसे पहले जिला शिक्षा अधिकारी स्तर पर नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं।


इसके बाद डिस्ट्रिक्ट स्क्रूटनी कमेटी सिफारिशों को राज्य स्तर पर भेजती है।


राज्य स्तरीय कमेटी संपूर्ण मूल्यांकन के बाद फाइनल नाम तय करती है।



विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जाती है ताकि योग्य शिक्षकों को ही सम्मान मिल सके।



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🙌 शिक्षकों के चेहरे पर खुशी


सूची जारी होते ही चयनित शिक्षकों और उनके परिवारों में खुशी की लहर है।

👉 कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा, “यह सम्मान केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरी संस्था का है। शिक्षा सुधार और विद्यार्थियों की सफलता में पूरी टीम का योगदान है।”

👉 प्रवक्ताओं का कहना है कि यह पुरस्कार उन्हें नई ऊर्जा और जिम्मेदारी के साथ शिक्षण कार्य में जुटने की प्रेरणा देगा।



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🌱 शिक्षक: सिर्फ पढ़ाने वाले नहीं, समाज गढ़ने वाले


हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में शिक्षक सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहते। वे ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने के साथ-साथ सामाजिक बदलाव की भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।


पहाड़ों की कठिन परिस्थितियों में बच्चों को स्कूल तक लाना आसान नहीं होता।


कई शिक्षक घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाई के महत्व के बारे में समझाते हैं।


कुछ शिक्षक डिजिटल टूल्स और नई तकनीकों से बच्चों को ग्लोबल लेवल की पढ़ाई उपलब्ध करवा रहे हैं।




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🔍 क्यों अहम है यह पुरस्कार?


राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार शिक्षकों की मेहनत को सार्वजनिक रूप से मान्यता देता है।


यह सम्मान युवा शिक्षकों के लिए प्रेरणा बनता है।


विद्यार्थियों के माता-पिता को भी भरोसा मिलता है कि शिक्षक पूरे समर्पण से काम कर रहे हैं।


शिक्षा विभाग को भी यह अवसर मिलता है कि वह उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों की पहचान करे और उनकी मिसाल बाकी शिक्षकों तक पहुंचाए।




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🏔️ हिमाचल का शिक्षा पर फोकस


हिमाचल प्रदेश लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में मिसाल पेश करता आया है।


90% से ज्यादा साक्षरता दर


दूरस्थ गांवों तक स्कूलों की पहुंच


डिजिटल शिक्षा और स्मार्ट क्लासरूम की शुरुआत


हाल ही में लागू ‘स्मार्ट स्कूल योजना’



विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब तभी संभव हो पाया है जब शिक्षक अपनी जिम्मेदारी से बढ़कर काम करते हैं।



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📢 शिक्षा विभाग का बयान


शिक्षा निदेशालय ने कहा कि चयनित शिक्षक आने वाली पीढ़ी के लिए रोल मॉडल साबित होंगे। विभाग ने उम्मीद जताई कि बाकी शिक्षक भी इससे प्रेरित होकर नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में आगे कदम बढ़ाएंगे।



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🕰️ शिक्षक दिवस का महत्व


5 सितंबर को भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।


यह दिन सिर्फ शिक्षकों के सम्मान का नहीं बल्कि समाज को यह याद दिलाने का भी है कि शिक्षा ही असली ताकत है।


इस मौके पर देशभर में विभिन्न स्तर पर शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।




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✨ निष्कर्ष


एक कॉलेज प्रिंसिपल और पांच प्रवक्ताओं का चयन हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की शिक्षा प्रणाली का गौरव है।


शिक्षक चाहे स्कूल में हों या कॉलेज में, उनका योगदान समाज निर्माण की नींव है। राज्य स्तरीय पुरस्कार उनकी मेहनत और समर्पण की आधिकारिक मुहर है।


5 सितंबर को जब शिमला में सम्मान समारोह होगा तो यह सिर्फ छह शिक्षकों का नहीं बल्कि पूरे हिमाचल के शिक्षा परिवार का उत्सव होगा।

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