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तीर्थन घाटी में आपदा का कहर: बंजार–गुशेनी मुख्य सड़क अरसों बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल

 


वर्ष 2023 के जख्मों को और गहरा कर गई इस बार की बारिश, बाढ़ और भूस्खलन – शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली सेवाएं अभी भी प्रभावित




जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने इस बार भी भारी तबाही मचाई है। जून माह से लगातार हो रही बारिश के कारण घाटी की सड़कें, पुल-पुलिया, मकान, स्कूल, मछली फार्म और कृषि योग्य भूमि को भारी नुकसान पहुंचा है। वर्ष 2023 की आपदा के गहरे जख्मों पर यह आपदा और दर्द दे गई है। राहत की बात यह है कि बंजार से गुशेनी मुख्य सड़क लंबे समय बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दी गई है, जिससे स्थानीय लोगों को आंशिक राहत मिली है।


हालांकि, घाटी के अधिकांश क्षेत्रों में अब भी यातायात, बिजली आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क ठप पड़े हैं। राशन और जरूरी सामान की भारी किल्लत है। कई दूरदराज पंचायतें जैसे पेखड़ी, नोहंडा और शिल्ली अब भी प्रशासनिक मदद से वंचित हैं। स्थानीय लोग नदी-नालों और खतरनाक पहाड़ी रास्तों से जान जोखिम में डालकर गुजरने को मजबूर हैं।

गुशेनी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का एक भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जबकि दूसरा भवन भी खतरे की जद में है। अभिभावक बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। शर्ची पंचायत में भारी भूस्खलन से 30 से अधिक मकान असुरक्षित हो चुके हैं।

बशेहरी नाले में फ्लैश फ्लड से तीर्थन नदी में मलवा और पत्थर जमा होने के कारण झील जैसी स्थिति बन गई है, जिससे नदी किनारे रहने वालों में भय का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से झील की निकासी और प्रभावित परिवारों के लिए शीघ्र राहत व पुनर्वास की मांग की है।

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