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मिनी दशहरा धार मेले की सांस्कृतिक संध्या में गूंजेंगे डाबे राम कुलवी के सुर, परंपरा और उत्सव का अनोखा संगम


 डी० पी०रावत।

आनी, 2 अक्तूबर।

मिनी दशहरा धार मेला इस वर्ष भी अपने रंग-बिरंगे और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ लौट रहा है। 5 और 6 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय मेले में हर उम्र के दर्शक अपने पसंदीदा कार्यक्रमों का आनंद ले सकेंगे। मेले की सबसे बड़ी विशेषता इस बार की सांस्कृतिक संध्या होगी, जिसमें लोकप्रिय लोकगायक डाबे राम कुलवी के मधुर सुरों की गूंज मेले में एक अलग ही उत्साह भर देगी।


मेले की आयोजन समिति के अनुसार, डाबे राम कुलवी का मंचन इस वर्ष के मिनी दशहरा धार मेले का मुख्य आकर्षण होगा। उनके गीत हिमाचली लोकधुनों की परंपरा को जीवंत करते हुए आधुनिक संगीत के तत्वों से सुसज्जित होंगे। हिमाचल की संस्कृति और लोकसंगीत की मिठास का संगम दर्शकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।


"हम चाहते हैं कि इस साल का मिनी दशहरा हर किसी के लिए यादगार बने। डाबे राम कुलवी का संगीत निश्चित रूप से इस संध्या को और भी विशेष बनाएगा। उनका लोकसंगीत न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है," आयोजन समिति के अध्यक्ष ने बताया।

मिनी दशहरा धार का भव्य कार्यक्रम


5 अक्टूबर:

पहले दिन का आयोजन विशेष रूप से भव्य स्वागत समारोह से शुरू होगा। हनुमत वीर बुच्छैर का भव्य स्वागत किया जाएगा। इसके साथ ही जल देवता और हनुमत वीर का भव्य मिलन मेले की शुरुआत का प्रतीक होगा। शाम को परंपरागत जागरण का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों और समुदाय के सदस्य रातभर धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करेंगे।

6 अक्टूबर – दैनिक कार्यक्रम:

दूसरे दिन का आयोजन सुबह से ही उत्साहपूर्ण रहेगा। खु्डीजल महाराज और हनुमत वीर के जलेब के साथ मेला विधिवत शुरू होगा। इस दिन का मुख्य आकर्षण मेहमान देवालु द्वारा चोला कलगी की महानाटी होगी। महिला मंडल धार, कुटवा और अन्य क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत यह नाट्य और नृत्य प्रस्तुति दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी।

6 अक्टूबर – रात्रि कार्यक्रम:

शाम को युवक मंडल की नाट्य और नृत्य प्रस्तुतियों के साथ मेले का सांस्कृतिक रंग और गहराई से भरा जाएगा। इसके बाद महिला मंडल की नाटी पार्टी और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति दर्शकों के मनोरंजन का मुख्य हिस्सा होंगी।

और अंततः, मेले की रात्रि संध्या स्टार नाइट डाबे राम कुलवी के साथ अपनी चरम सीमा पर पहुंचेगी। उनकी लोकधुनों और मधुर स्वर से गूंजते मंच पर दर्शकों का उत्साह अपने चरम पर होगा। हजारों श्रोता उनके गीतों का आनंद लेने के लिए जुटेंगे, जिससे यह संध्या वास्तव में महाउत्सव का रूप ले लेगी।

मेहमान देबता हनुमत वीर बुच्छैर

लोक संस्कृति और हिमाचली परंपरा का संगम

मिनी दशहरा धार मेला केवल मनोरंजन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह हिमाचली संस्कृति और परंपरा को जीवंत करने का अवसर भी है। मेले में लोकगीत, नाट्य, नृत्य और धार्मिक अनुष्ठान एक साथ देखने को मिलते हैं। डाबे राम कुलवी के मंचन से यह अनुभव और भी समृद्ध होगा, क्योंकि उनके गीतों में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम झलकता है।

आयोजन समिति का कहना है कि इस बार के मेले में स्थानीय युवा कलाकारों को मंच देने पर विशेष जोर दिया गया है। इससे न केवल उनकी प्रतिभा को पहचान मिलेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ी में लोकसंगीत और सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति रुचि भी जागृत होगी।

दर्शकों की तैयारी और उत्सव की धूम

ग्राम पंचायत देउठी और आसपास के क्षेत्रों से हजारों लोग इस मेला का हिस्सा बनने के लिए आ रहे हैं। आयोजन समिति ने कहा कि दर्शकों की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था की गई है, जिसमें बैठने की व्यवस्था, खाने-पीने की सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है।

स्थानीय दुकानदार और हलके के लोग भी मेले को लेकर उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इस मेले से न केवल सांस्कृतिक विकास होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। मेले में स्थानीय हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों के स्टालों से दर्शकों को खरीदारी का अवसर भी मिलेगा।

आयोजन समिति की तैयारी

आयोजन समिति ने बताया कि मेले की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। मंच सजावट, ध्वनि व प्रकाश व्यवस्था, कलाकारों की आवभगत, और दर्शकों की सुविधा सभी का ध्यान रखा गया है। समिति ने यह भी कहा कि इस बार का मेला पिछले वर्षों की तुलना में और भी भव्य और यादगार होने वाला है।

"हम चाहते हैं कि हर आगंतुक यहां आए और महसूस करे कि मिनी दशहरा केवल एक मेला नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा और हमारे समुदाय का उत्सव है," समिति के सदस्य ने कहा।

डाबे राम कुलवी – लोकधुनों के धुरंधर

डाबे राम कुलवी ने अपने करियर में कई लोकधुनों और गीतों से लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनके गीतों में हिमाचली संस्कृति की महक और जीवन की सरलता झलकती है। उनका मंचन दर्शकों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है।

लोकसंगीत प्रेमियों के लिए यह अवसर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उनका कहना है, "मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैं मिनी दशहरा धार मेले में अपनी धुनों से लोगों के दिलों को छू सकता हूं। मैं यहां के दर्शकों के साथ लोक संस्कृति का जश्न मनाने के लिए उत्साहित हूं।"

उम्मीद और उत्साह

मिनी दशहरा धार मेला इस वर्ष भी अपनी धूमधाम और रंग-बिरंगे आयोजन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा। डाबे राम कुलवी के सुरों की गूंज और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां इस मेले को यादगार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।



ग्राम पंचायत देउठी में तैयारियों का जोश और उत्साह देखते ही बनता है। हर कोई इस मेले के आयोजन का इंतजार कर रहा है और निश्चित रूप से यह

 आयोजन हिमाचली संस्कृति और लोक परंपरा का जीवंत प्रतीक बनकर उभरेगा।

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