भूषण गुरुंग
भटियात, जिला चंबा | 17 अक्टूबर 2025:
दीपावली के पर्व को लेकर जहां एक ओर बाजारों में रौनक है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन भी सक्रिय नजर आ रहा है। इसी क्रम में आज भटियात उपमंडल के एसडीएम पारस अग्रवाल ने ककीरा बाजार में औचक निरीक्षण कर बाजार व्यवस्था, स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने कई दुकानों पर जाकर वस्तुओं की जांच की, मूल्य सूची की उपलब्धता, गुणवत्ता और सरकारी निर्देशों के पालन की स्थिति का भी निरीक्षण किया। इस दौरान कई दुकानदारों के चालान काटे गए, जबकि कुछ को सख्त चेतावनी दी गई कि भविष्य में नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दीपावली पर विशेष बाजार निगरानी — एसडीएम की सक्रियता से बढ़ा प्रशासनिक अनुशासन
त्योहारों के सीजन में बढ़ती खरीददारी को देखते हुए एसडीएम पारस अग्रवाल ने कहा कि बाजारों में उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। दीपावली पर आम जनता बड़ी मात्रा में मिठाई, सजावटी सामान, पटाखे, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और अन्य सामग्री खरीदती है।
ऐसे में दुकानदारों को चाहिए कि वे न केवल उपभोक्ता अधिकारों का सम्मान करें बल्कि राज्य सरकार द्वारा जारी प्लास्टिक प्रतिबंध और तंबाकू नियंत्रण के आदेशों का भी सख्ती से पालन करें।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने दुकानदारों के साथ एक संवादात्मक बैठक भी की। उन्होंने कहा कि दीपावली के पावन अवसर पर प्रशासन का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि जागरूकता फैलाना है। मगर यदि कोई बार-बार नियमों की अवहेलना करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कदम उठाना प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।
पटाखों की बिक्री के लिए निर्धारित स्थान तय करने के निर्देश
एसडीएम पारस अग्रवाल ने सभी दुकानदारों से अपील की कि वे पटाखों की बिक्री के लिए एक सुरक्षित और निर्धारित स्थान का चयन करें। उन्होंने कहा कि बाजार के भीतर या घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री न की जाए, क्योंकि इससे आगजनी और हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जल्द ही एक विशेष स्थान तय किया जाएगा, जहां पर सभी अधिकृत दुकानदार पटाखे बेच सकेंगे। इसके अलावा पटाखों के भंडारण और बिक्री के लिए आगजनी सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है।
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प्लास्टिक उत्पादों पर सख्त प्रतिबंध — उल्लंघन पर ₹5000 से ₹50000 तक का जुर्माना
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने दुकानदारों को सख्त चेतावनी दी कि राज्य सरकार की ओर से प्लास्टिक के लिफाफों, गिलास, चम्मच, कटोरी और छोटी पानी की बोतलों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी दुकान में ऐसे प्रतिबंधित उत्पाद पाए जाते हैं तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत ₹5000 से ₹50000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
उन्होंने दुकानदारों से कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है और प्लास्टिक प्रदूषण यहां के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसलिए हर दुकानदार को अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहिए।
एसडीएम ने बाजार समिति और पंचायत प्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे इस दिशा में जागरूकता फैलाने में प्रशासन का सहयोग करें।
सिगरेट और बीड़ी बिक्री के लिए अलग लाइसेंस अनिवार्य — खुले गुटखे व तंबाकू उत्पादों पर सख्त कार्रवाई
एसडीएम पारस अग्रवाल ने बताया कि सिगरेट, बीड़ी और तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए दुकानदारों को अलग से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि खुले में सिगरेट बेचना या बिना चेतावनी संदेश वाले पैकेट बेचना कानूनन अपराध है।
उन्होंने दुकानदारों को आगाह किया कि यदि कोई व्यक्ति खुली सिगरेट, गुटखा, तंबाकू या निकोटिन उत्पाद बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर न केवल भारी जुर्माना लगेगा बल्कि लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
उन्होंने कहा,
“भटियात क्षेत्र को नशा मुक्त और स्वच्छ बनाने का प्रयास प्रशासन की प्राथमिकता है। दुकानदारों को चाहिए कि वे इस मुहिम में सहभागी बनें, न कि बाधक।”
स्वच्छता और मूल्य सूची की जांच — दुकानदारों को सुधार की सलाह
औचक निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने दुकानों में स्वच्छता की स्थिति, वस्तुओं की गुणवत्ता, वजन और माप के मानकों, तथा ग्राहकों को दी जा रही मूल्य सूची की भी जांच की।
कई दुकानों में मूल्य सूची नहीं मिलने पर चेतावनी दी गई। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह अनिवार्य है कि हर दुकान में मूल्य सूची स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए।
इसके अलावा उन्होंने दुकानदारों से आग्रह किया कि मिठाइयों और खाद्य सामग्री की बिक्री के दौरान स्वच्छता मानकों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि दीपावली पर खाद्य मिलावट की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वे नियमित सैंपलिंग करें और मिलावटी सामग्री बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
“दीपावली खुशियों की, न कि प्रदूषण की” — एसडीएम का संदेश
बैठक के अंत में एसडीएम पारस अग्रवाल ने सभी दुकानदारों और नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली का पर्व प्रकाश और स्वच्छता का प्रतीक है। ऐसे में हम सबको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह पर्व पर्यावरण को हानि पहुँचाए बिना मनाया जाए।
उन्होंने कहा कि “दीपावली खुशियों की होनी चाहिए, प्रदूषण की नहीं।” इसलिए सभी लोग कम से कम पटाखे जलाएं, पर्यावरण अनुकूल दीये जलाएं और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें।
उन्होंने यह भी कहा कि “यदि हम नियमों का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें, तो प्रशासनिक कार्रवाई की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।”
प्रशासन की पहल को मिली स्थानीय व्यापारियों से सराहना
एसडीएम के इस औचक निरीक्षण से जहां कुछ दुकानदारों में हड़कंप मचा, वहीं कई जिम्मेदार व्यापारियों ने इस कदम का स्वागत भी किया। उनका कहना था कि त्योहारों के समय ऐसी निरीक्षण मुहिम से बाजारों में व्यवस्था और पारदर्शिता बनी रहती है।
कई दुकानदारों ने एसडीएम के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया और कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण और नियम पालन के प्रति पहले से अधिक सतर्क रहेंगे।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय उपभोक्ताओं ने भी इस कार्रवाई की सराहना की। उनका कहना था कि दीपावली पर अक्सर बाजारों में मिलावटी मिठाइयों, नकली ब्रांड्स और प्लास्टिक कचरे की भरमार रहती है। प्रशासन की इस सख्ती से अब स्थिति बेहतर होगी।
निष्कर्ष:
एसडीएम भटियात पारस अग्रवाल द्वारा ककीरा बाजार में किया गया औचक निरीक्षण प्रशासन की सजगता और संवेदनशीलता का परिचायक है। दीपावली के अवसर पर इस प्रकार की पहल से न केवल दुकानदारों में अनुशासन बढ़ेगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी एक सुरक्षित, स्वच्छ और पारदर्शी बाजार वातावरण मिलेगा।
उनकी यह कार्रवाई न केवल कानून पालन की दिशा में
एक कदम है, बल्कि स्वच्छ हिमाचल, सुरक्षित हिमाचल की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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