रिपोर्ट — डी० पी० रावत, अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज़
आनी, 10 अक्टूबर।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िला के आउटर सिराज क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। भारतीय जनता युवा मोर्चा आनी मंडल के पूर्व अध्यक्ष योगेश परमार नेगी का असमय निधन न केवल भाजपा परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक अविस्मरणीय क्षति के रूप में सामने आया है।
सड़क हादसे की यह खबर जैसे ही फैली, पूरे आउटर सिराज, आनी, निरमंड और नित्थर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
दर्दनाक हादसे में खत्म हुई एक उज्ज्वल यात्रा
सूत्रों के अनुसार, योगेश परमार नेगी जी शुक्रवार रात एक निजी कार्य से लौट रहे थे कि रास्ते में वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। हादसा इतना भयानक था कि मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस व राहत टीम को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
युवाओं के बीच एक प्रेरणास्रोत और संगठन के स्तंभ रहे योगेश परमार जी की असामयिक विदाई ने पूरे क्षेत्र को शोकाकुल और स्तब्ध कर दिया है।
समर्पण और सेवा के प्रतीक थे योगेश परमार
स्वर्गीय योगेश परमार नेगी केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं, बल्कि समाजसेवा के प्रति समर्पित एक सच्चे जनसेवक थे।
उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा आनी के अध्यक्ष के रूप में संगठन को नई दिशा दी और युवाओं को राजनीति में जागरूक व सक्रिय करने का कार्य किया।
उनकी पहचान एक सदैव मुस्कुराने वाले, मिलनसार और मददगार इंसान के रूप में थी, जो हर किसी के सुख-दुःख में साथ खड़े दिखाई देते थे।
उनकी सक्रियता, संगठन के प्रति निष्ठा और समाज के लिए कार्य करने की लगन ने उन्हें न केवल पार्टी में बल्कि आम जनता के बीच भी अत्यंत सम्मान दिलाया।
लोग बताते हैं कि जब भी किसी को मदद की ज़रूरत होती, योगेश जी बिना हिचकिचाहट आगे बढ़ते थे — चाहे वह सामाजिक कार्य हो, युवाओं की समस्या हो या किसी गरीब परिवार की आर्थिक सहायता।
भाजपा परिवार में गहरा शोक
भाजपा आनी मंडल, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा और जिला स्तर के सभी नेताओं ने योगेश परमार जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
भाजपा मंडल निरमंड की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है —
“योगेश परमार नेगी जी का इस दुनिया से जाना सम्पूर्ण आउटर सिराज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने युवा मोर्चा आनी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए संगठन को नई दिशा दी। उनके पूर्वजों ने भी भाजपा परिवार के लिए अपनी सेवाएं दी हैं। इस शोक समाचार ने सम्पूर्ण भाजपा मंडल निरमंड को आहत किया है।”
प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि —
“योगेश जी पार्टी के एक कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ता थे। उनका जाना संगठन के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनकी निष्ठा और सेवाभाव हमेशा याद किए जाएंगे।”
श्रद्धांजलि सभा में उमड़ा जनसैलाब
शनिवार सुबह आनी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भारी संख्या में लोग पहुंचे। क्षेत्र के कोने-कोने से आए लोगों ने नम आंखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दी।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान वातावरण अत्यंत भावुक था। सभी की जुबान पर सिर्फ एक ही बात थी —
“योगेश जैसा इंसान बार-बार नहीं मिलता।”
लोगों ने उनके जीवन के संघर्षों, सामाजिक कार्यों और मिलनसार स्वभाव को याद किया।
स्थानीय लोगों ने कहा —
“वह राजनीति में होने के बावजूद हमेशा लोगों के बीच रहे। उन्होंने कभी ऊँच-नीच का भेद नहीं किया, बल्कि हर व्यक्ति से बराबरी के साथ व्यवहार किया।”
मित्रों और शुभचिंतकों की भावुक प्रतिक्रियाएं
योगेश परमार जी के साथी और करीबी मित्रों ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर भावुक पोस्टें साझा कीं।
कई युवाओं ने कहा —
“योगेश भैया सिर्फ नेता नहीं, मार्गदर्शक थे। उन्होंने हमें संगठन का अर्थ सिखाया।”
वहीं एक अन्य साथी ने कहा —
“उनकी हँसी, उनकी ऊर्जा, उनका समर्पण — सब कुछ आज भी कानों में गूंज रहा है।”
“ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें…”
शोक संदेश जारी करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि और सामाजिक संगठन के सदस्यों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
भाजपा युवा मोर्चा के वर्तमान अध्यक्ष ने कहा —
“योगेश जी का व्यक्तित्व और कार्यशैली हमारे लिए प्रेरणा स्रोत रहेगी। उन्होंने जो संगठन को दिशा दी, वह हमेशा स्मरणीय रहेगी।”
वहीं क्षेत्रीय जनता ने कहा कि योगेश जी जैसे कर्मठ और ईमानदार युवा नेता का जाना, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ी क्षति है।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
उनकी अंतिम यात्रा में क्षेत्र के हज़ारों लोग शामिल हुए। चारों दिशाओं से आए लोगों ने फूलमालाओं से सजाई अर्थी को कंधा दिया।
हर आंख नम थी, हर दिल बोझिल।
“ॐ शांति… योगेश जी अमर रहें…” के नारे गूंजते रहे।
परिवार को ढांढस
इस कठिन घड़ी में ईश्वर उनके परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करे — यही क्षेत्रवासियों की प्रार्थना है।
योगेश जी अपने पीछे एक परिवार, सैकड़ों शुभचिंतक और अनगिनत यादें छोड़ गए हैं, जो हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगी।
निष्कर्ष
योगेश परमार नेगी का जीवन निष्ठा, सेवा और समर्पण की मिसाल था।
उनका असमय जाना यह याद दिलाता है कि सच्चे जनसेवक सिर्फ पद से नहीं, बल्कि अपने कर्मों और व्यवहार से लोगों के दिलों में जगह बनाते हैं।
आउटर सिराज, आनी और निरमंड उ
न्हें हमेशा याद रखेंगे —
एक सच्चे कर्मयोगी, एक सच्चे साथी और समाजसेवक के रूप में।
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