खुशवंत सिंह लिटफेस्ट की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। यह वार्षिक साहित्यिक महोत्सव 10 से 12 अक्तूबर तक कसौली क्लब में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में नेता, अभिनेता, साहित्यकार समेत 40 से अधिक नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी। लिटफेस्ट में कुल 21 किताबों पर बहस और चर्चा का आयोजन होगा।
इस बार लिटफेस्ट के मुख्य वक्ताओं में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, मणिशंकर अय्यर, पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत और भारतीय सेना के पूर्व जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शामिल हैं। इसके अलावा लेखक अधिरथ सेठी, चित्रकार अमोल पालेकर, अभिनेता अनूप सोनी, अभिनेत्री पूजा बेदी, ऑथर बजाज बिट्टल, जर्नलिस्ट चंद्र मोहन और तमिलनाडु की आरजे अनंथी अय्यप्पन भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
कार्यक्रम में फर्स्ट ग्लोबल की संस्थापक देविना मेहरा, शिक्षाविद एवं रंगमंच निर्देशक फैसल अलकाजी, बीबीसी की पूर्व पत्रकार गिलियन राइट और टीएमसी से पूर्व सांसद जवाहर सरकार अपने उद्बोधन देंगे। भारतीय सामाजिक उद्यमी नेहा किरपाल, ऑस्ट्रेलियाई साइबर अपराध शोधकर्ता पॉल वाटर्स, अर्थशास्त्री प्रेम शंकर झा, लेखिका रख्शंदा जलील और सामाजिक टिप्पणीकार संतोष देसाई भी लिटफेस्ट का हिस्सा होंगे।
विशेष चर्चा का विषय पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत की किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ होगी। इस किताब में दुलत ने नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला को लेकर बड़ा खुलासा किया है। दुलत के अनुसार, फारुख अब्दुल्ला धारा 370 हटाने के फैसले के समर्थन में थे। हालांकि फारुख अब्दुल्ला ने इसे लेखक की कल्पना करार दिया है।
इसके अलावा कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की ‘द राजीव आई न्यू’ और पी. चिदंबरम की ‘व्हिच वे विल इंडिया गो’ किताबों पर भी चर्चा होगी।
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट की शुरुआत उनके बेटे और लेखक राहुल सिंह ने 2012 में की थी। इसे पिता के जीवित रहते ही साहित्यिक योगदान और कसौली के प्रति लगाव को देखते हुए शुरू किया गया। खुशवंत सिंह का कसौली के अपर मॉल रोड स्थित बंगला ‘राज विला’ उनके पसंदीदा ठिकानों में शामिल था। मशहूर उपन्यास ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ के कई हिस्से उन्होंने यहीं लिखे थे।
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