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चेक पर गलत स्पेलिंग लिखने से शिक्षा विभाग की किरकिरी, रोनहाट स्कूल का ड्राइंग मास्टर निलंबित, प्रिंसिपल पर गाज गिरने की तैयारी

 


हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग को एक बड़ी लापरवाही के चलते पूरे देशभर में शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। जिला सिरमौर के रोनहाट स्कूल के ड्राइंग मास्टर (डीएम) अत्तर सिंह द्वारा गलत अंग्रेजी लिखकर चेक जारी करने के मामले में विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को डिप्टी डायरेक्टर सिरमौर ने अत्तर सिंह को निलंबित कर दिया। वहीं स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है और उन पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।


सोशल मीडिया पर वायरल हुआ चेक, देशभर में हुई किरकिरी


मामला 25 सितंबर 2025 का है। स्कूल प्रिंसिपल ने मिड-डे मील वर्कर के लिए 7,616 रुपए का चेक ड्राइंग मास्टर अत्तर सिंह से भरवाया और उस पर हस्ताक्षर कर दिए। लेकिन इस 


चेक पर अंग्रेजी की गलतियों की भरमार थी।


‘थाउजैंड’ की जगह ‘थर्सडे’ लिखा गया।

‘हंड्रेड’ की स्पेलिंग गलत लिखी गई।

‘सिक्सटीन’ की जगह ‘सिक्सटी’ लिखा गया।

यहां तक कि ‘सेवन’ की स्पेलिंग भी गलत थी।


बैंक ने इस चेक को ‘अनरीडेबल’ मानते हुए बाउंस कर दिया। इसके बाद यह चेक सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते पूरे देश में हिमाचल के शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हो गई। शत-प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य की इस भूल पर राष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठने लगे।


डायरेक्टर ने तलब कर मांगा जवाब


मामले के तूल पकड़ने पर शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने शनिवार को दोनों शिक्षकों को शिमला तलब किया। पूछताछ के दौरान अत्तर सिंह ने स्वीकार किया कि यह गलती उनकी लापरवाही से हुई है। प्रिंसिपल से भी स्पष्टीकरण मांगा गया, क्योंकि उन्होंने भी बिना जांच-पड़ताल किए चेक पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इसके बाद निदेशक ने डिप्टी डायरेक्टर सिरमौर को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।



निलंबन की कार्रवाई, आगे और सख्ती संभव


डिप्टी डायरेक्टर ने शनिवार को आदेश जारी करते हुए अत्तर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं, विभाग अब स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।


लोगों में चर्चा का विषय बनी घटना


इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम लोगों का कहना है कि जहां राज्य को शत-प्रतिशत साक्षरता का दर्जा मिला हुआ है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक इस स्तर की गलतियां करें तो यह प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है।

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