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धोगी में शुरू हुआ दो दिवसीय बूढ़ी दिवाली मेला

 

श्री शमशरी महादेव व टोना नाग देवता के आगमन से क्षेत्र में छाई भक्ति की अलौकिक छटा


डी. पी. रावत 

19नवंबर 2025

अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़ 


आनी उपमंडल के धोगी गांव में बुधवार को अति प्राचीन बूढ़ी दिवाली मेले की विधिवत शुरुआत श्री शमशरी महादेव और टोना नाग देवता के पवित्र सानिध्य में हुई। देवालय से दोपहर 1 बजे महाप्रभु त्रिशूल रूप में प्रस्थान कर चवाई पहुंचे, जहां देव रथ को सोने–चांदी के आभूषणों और पारंपरिक आभूषणों से भव्य रूप से सजाया गया। इसके बाद देवता अपने पारंपरिक शाही देवमार्ग से धोगी के लिए रवाना हुए।



रास्ते भर सैकड़ों महिलाओं और ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों, वाद्ययंत्रों और पुष्पवर्षा के साथ महाप्रभु का जोरदार स्वागत किया। पुष्पों से रथ पलभर में ढक गया और देव रूप का तेज वातावरण में दिव्य आभा बिखेरता रहा। धोगी पहुंचने पर देव थड़ी में पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की गई।


सैकड़ों वर्षों से मनाया जाने वाला यह ऐतिहासिक मेला ग्राम पंचायत च्वाई के अंतर्गत घने वन क्षेत्र में स्थित धोगी गांव में आयोजित होता है। यहां स्थित शमशरी महादेव की प्राचीन देव-कोठी मेले का प्रमुख केंद्र है। महाप्रभु का मूल धाम शमशर गांव में है, जो धोगी से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है।


पहले दिन देर शाम देवता थड़ी पर पहुंचने के बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का दौर चला। रात 10 बजे पारंपरिक देरची उत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें धोगी और धार गांव के 18 युवा और बुजुर्ग जलती मशालों के साथ लोकनृत्य, गीत और विशिष्ट दिवाली रस्मों का प्रदर्शन करेंगे। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होंगे।


मेले के दूसरे दिन सुबह मंजी से बने लंबे रस्से को खींचने की पारंपरिक रस्म निभाई जाएगी। इसके बाद नाटी, देव विदाई और आशीर्वाद के साथ यह दो दिवसीय ऐतिहासिक मेला विधिवत संपन्न होगा।

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