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तीर्थन घाटी के अमर सिंह ठाकुर इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एंड क्राइम कंट्रोल काउंसिल के स्टेट कोऑर्डिनेटर नियुक्त

 मानवाधिकार जागरूकता, समाजसेवा और स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए मिला सम्मान; फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्रों की कराएंगे जांच


परस राम भारती 

अखण्ड भारत दर्पण न्यूज़ 

गुशैनी/बंजार।

तीर्थन घाटी गुशैनी के मोनानी गांव के युवा समाजसेवी अमर सिंह ठाकुर ने एक बार फिर क्षेत्र का मान बढ़ाया है। इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एंड क्राइम कंट्रोल काउंसिल ने उन्हें ह्यूमन राइट्स अवेयरनेस, हिमाचल प्रदेश का स्टेट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। यह सम्मान उन्हें मानवाधिकार, सामाजिक जागरूकता और सेवा कार्यों में निरंतर योगदान के आधार पर प्रदान किया गया।



संगठन की ओर से अमर सिंह ठाकुर को आधिकारिक आईडी कार्ड व सदस्यता प्रमाणपत्र भी जारी किया गया है, जिसकी वैधता वर्ष 2028 तक रहेगी। इस नियुक्ति के साथ वे प्रदेश स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण और जागरूकता को बढ़ाने से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ संभालेंगे।


मोनानी गांव के निवासी अमर सिंह ठाकुर ने प्रारंभिक शिक्षा गुशैनी से, उच्च शिक्षा बंजार कॉलेज से और आगे की पढ़ाई चंडीगढ़ में पूरी की। वे बचपन से ही समाजसेवा और शिक्षा दोनों में सक्रिय रहे हैं। इंडियन पैरामेडिकल एसोसिएशन, जिला कुल्लू के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, युवाओं को जागरूक करने और समाजसेवी अभियानों को मजबूती देने में अहम योगदान दिया है।



नई नियुक्ति के बाद अमर सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी होने की शिकायतें सामने आई हैं, जिनकी जांच की जाएगी। इसके लिए आरटीआई के माध्यम से संबंधित दस्तावेज जुटाए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि—अब केवल प्रमाणपत्र लेने वाले ही नहीं, बल्कि उन्हें जारी करने वाले अधिकारी भी जांच के दायरे में आएंगे।


उनकी इस उपलब्धि से तीर्थन घाटी, गुशैनी और पूरे बंजार क्षेत्र में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों, पंचायत प्रतिनिधियों और युवाओं ने उनके चयन पर गर्व व्यक्त किया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि अमर सिंह ठाकुर जैसे युवाओं से ही समाज में सकारात्मक बदलाव की राह बनती है और अगली पीढ़ियाँ प्रेरित होती हैं।


अमर सिंह ठाकुर की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत, निष्ठा और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। क्षेत्रवासियों ने उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए उम्मीद जताई कि वे मानवाधिकार और सामाजिक क्षेत्र में इसी तरह अपनी सेवाएँ जारी रखेंगे।

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