निरमण्ड, 29 नवम्बर।
डी० पी० रावत, पत्रकार
अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज़
हिमाचल प्रदेश के ज़िला कुल्लू के उपमण्डल मुख्यालय निरमण्ड का सिविल अस्पताल निरंतर अव्यवस्था और स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। जुलाई 2023 से अस्पताल बीएमओ के पद से खाली पड़ा है, जिससे प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
अस्पताल में डॉक्टरों के कुल 8 स्वीकृत पदों में से केवल 2 ही भरे हुए हैं, जबकि मेडिकल ऑफिसर डेंटल का पद भी खाली है। स्टाफ नर्स के 5 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 2 भरे हैं, और 2 रेडियोग्राफर के पद पूरी तरह रिक्त हैं। यही नहीं, लैब तकनीशियन के 4 पदों में से 3 खाली पड़े हैं, जिससे आम मरीजों के लिए बेसिक जांच कराना भी मुश्किल हो गया है।
चीफ़ फार्मासिस्ट का पद खाली, फार्मासिस्ट के दोनों पद खाली, जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 5 में से 4 पद खाली हैं। अस्पताल में नेत्र अधिकारी का एक पद पिछले 5 वर्षों से रिक्त है। अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध होने के बावजूद स्पेशलिस्ट न होने से अल्ट्रासाउंड सेवाएं ठप हैं।
उधर सत्ता पक्ष के अनेक छोटे-बड़े नेता विभिन्न मंचों से विकास के दावे तो खूब करते हैं, मगर ज़मीनी हकीक़त पूरी तरह शून्य दिखाई देती है।
नेता मस्त, जनता त्रस्त।
स्टाफ की भारी कमी के कारण लोगों को मजबूरन 17 किलोमीटर दूर रामपुर बुशैहर स्थित निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि आम जनता अपनी मेहनत की कमाई भी प्राइवेट अस्पतालों पर लुटाने के लिए मजबूर है।
स्थानीय लोगों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने और अस्पताल की सेवाओं को सुचारू बनाने की मांग की है।

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