डी पी रावत।
अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उत्तरी जोनल काउंसिल की बैठक में हिमाचल प्रदेश के अधिकारों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र और पड़ोसी राज्यों के सामने प्रदेश की मजबूत दावेदारी पेश की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत हिमाचल को चंडीगढ़ में 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलना राज्य का वैधानिक अधिकार है।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2011 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जनसंख्या अनुपात के आधार पर यह हिस्सेदारी निश्चित हुई थी। उन्होंने मांग की कि इस मुद्दे को उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक के मुख्य एजेंडे में शामिल किया जाए और केंद्र इसका ठोस समाधान निकाले।
बीबीएमबी में स्थायी सदस्यता की वकालत
सीएम सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में स्थायी सदस्यता देने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अनेक बिजली परियोजनाओं का आधार बीबीएमबी है, ऐसे में हिमाचल की स्थायी भागीदारी जरूरी है।
बीबीएमबी से प्रदेश की लंबित देय राशियों की तुरंत अदायगी की मांग भी बैठक में जोरदार तरीके से उठाई गई।
मुख्यमंत्री ने केंद्र संचालित जलविद्युत परियोजनाओं में 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रॉयल्टी लागू करने और जिन परियोजनाओं की लागत पूरी हो चुकी है उनमें यह रॉयल्टी 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इससे हिमाचल के राजस्व संसाधन मजबूत होंगे और विकास को गति मिलेगी।
40 वर्ष पुरानी परियोजनाएं हिमाचल को सौंपने की मांग
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि 40 वर्ष पूरे कर चुकी केंद्रीय जलविद्युत परियोजनाओं को हिमाचल को वापस सौंपा जाए।
किशाऊ और रेणुका बांध परियोजनाओं के बिजली घटक के लिए उन्होंने पूर्ण केंद्रीय वित्तपोषण का अनुरोध किया।
इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद हिमाचल और उत्तराखंड को 50-50 प्रतिशत बिजली बांटने का प्रस्ताव भी उन्होंने बैठक में रखा।
जीएसटी मुआवजा बंद होने से 9,478 करोड़ का घाटा
सीएम सुक्खू ने बताया कि जीएसटी मुआवजा समाप्त होने के बाद हिमाचल को 9,478 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ा है। उन्होंने इस घाटे की भरपाई के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह घाटा अब तक नहीं भरा गया है, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है।
नशा उन्मूलन पर तीन महीने का विशेष अभियान जारी
सीएम ने बताया कि हिमाचल में ‘चिट्टा’ जैसी खतरनाक ड्रग्स के खिलाफ राजव्यापी तीन महीने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
राज्य में कानून प्रवर्तन के साथ-साथ पीड़ितों के उपचार और पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
आपदा राहत नियमों की समीक्षा की मांग
पहाड़ी राज्यों में बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आपदा राहत नियमों के पुनर्निर्धारण की मांग उठाई। उन्होंने पूर्व और पश्चात आपदा प्रबंधन मानकों में संशोधन का आग्रह किया, ताकि पहाड़ी राज्यों को वास्तविक राहत मिल सके।
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की पूरी लागत केंद्र वहन करे
पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार की पूरी लागत केंद्र से वहन करने की मांग की।
छोटे हवाई अड्डों, एयरोड्रॉम्स और हेलीपोर्ट्स के लिए अलग मास्टर प्लान तैयार करने की भी उन्होंने सिफारिश की।
मुख्यमंत्री सुक्खू
के इन महत्वपूर्ण मुद्दों ने हिमाचल प्रदेश के हक, संसाधन और विकास से जुड़े कई पहलुओं को राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से रखा है।

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