डी० पी०रावत।
आनी, 2 अक्तूबर
।गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उमंग फाउंडेशन ने दिखाई सामाजिक प्रतिबद्धता
हर वर्ष की भांति इस बार भी 2 अक्टूबर को उमंग फाउंडेशन ने गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर फाउंडेशन ने भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत अस्पताल परिसर में सफाई का कार्य किया और मरीजों के बीच खीर, फल, जूस वितरित कर उन्हें पोषण और स्वास्थ्य का संदेश दिया।
उमंग फाउंडेशन के संस्थापक घनश्याम शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि “गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी के विचार आज भी समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हम उन्हें याद करते हुए समाज सेवा, स्वच्छता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। हमारा उद्देश्य केवल एक दिन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।”
मरीजों के लिए विशेष हेल्थ चेकअप का आयोजन
इस अवसर पर फाउंडेशन ने अस्पताल में मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर का भी आयोजन किया। इसमें किडनी, लीवर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर जैसी जाँचें कराई गईं। डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की टीम ने मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन किया और उन्हें आवश्यक सुझाव दिए।
मरीजों और उनके परिजनों ने इस पहल की सराहना की। कई लोगों ने कहा कि “अस्पताल में भर्ती होने पर अक्सर हम अकेले महसूस करते हैं। लेकिन उमंग फाउंडेशन के सदस्यों ने आज हमें परिवार जैसा महसूस कराया। यह हमें प्रेरित करता है कि समाज सेवा का काम कितनी अहमियत रखता है।”
स्वच्छता अभियान और सामाजिक जागरूकता
फाउंडेशन ने इस अवसर पर अस्पताल के चारों ओर सफाई अभियान भी चलाया। सदस्य नेत्रहीन और बुजुर्ग मरीजों की मदद करते हुए कचरा संग्रहण और अस्पताल परिसर की सफाई में जुटे रहे। स्वच्छता के महत्व पर ध्यान देते हुए उन्होंने कहा कि “स्वच्छता ही स्वास्थ्य की नींव है। इसे सभी तक पहुँचाना समाज का कर्तव्य है।”
उमंग फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य और उनकी भागीदारी
इस कार्यक्रम में उमंग फाउंडेशन के सभी सदस्य उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से दीक्षा ठाकुर, संगीता, तनिषा ठाकुर, संजय ठाकुर, दुनी चंद ठाकुर, रंजना, किशोरी लाल, संजय और रजिंदर ने कार्यक्रम में भाग लिया। सभी ने मिलकर मरीजों को भोजन, फल और जूस वितरित किए और स्वच्छता अभियान में योगदान दिया।
तनिषा ठाकुर ने कहा कि “हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब हम किसी मरीज के चेहरे पर मुस्कान ला पाते हैं। खीर और फल बांटना मात्र भोजन देना नहीं, बल्कि उनके मन में आशा और स्नेह का संचार करना है।”
आपदा और जरूरतमंदों के प्रति प्रतिबद्धता
घनश्याम शर्मा ने बताया कि उमंग फाउंडेशन हमेशा समाज सेवा और मानव कल्याण के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाता है। चाहे प्राकृतिक आपदा हो या किसी जरूरतमंद की सहायता, फाउंडेशन हर अवसर पर लोगों की मदद के लिए तत्पर रहता है।
उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल एक दिन के कार्यक्रम तक सीमित नहीं है। हम समाज के हर वर्ग तक अपनी सहायता पहुँचाने का प्रयास करते रहते हैं। यह हमारे सदस्यों की मेहनत और समर्पण का ही नतीजा है कि हम हर क्षेत्र में समाज सेवा कर पाते हैं।”
समाज में बदलाव लाने का संदेश
फाउंडेशन के सदस्यों ने इस अवसर पर यह संदेश भी दिया कि समाज सेवा केवल बड़े कार्यक्रमों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास के लोगों की मदद करनी चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए।
उमंग फाउंडेशन ने यह साबित किया कि किसी भी सामाजिक कार्यक्रम की सफलता केवल उसकी भव्यता पर निर्भर नहीं करती, बल्कि उसमें भावनाओं, समर्पण और लोगों तक सही संदेश पहुँचाने की क्षमता मायने रखती है।
मरीजों और समुदाय में सकारात्मक प्रभाव
कार्यक्रम में मरीजों और उनके परिवारों ने उमंग फाउंडेशन की इस पहल की सराहना की। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के दौरान यह महसूस हुआ कि समाज में सेवा और मानवता की भावना अभी भी जीवित है। इस पहल ने न केवल मरीजों के स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित किया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी प्रोत्साहित किया।
स्वच्छता और स्वास्थ्य का समन्वय
स्वच्छता और स्वास्थ्य को एक साथ जोड़ते हुए फाउंडेशन ने यह संदेश दिया कि स्वच्छता ही स्वास्थ्य की आधारशिला है। अस्पताल परिसर की सफाई और मरीजों के लिए पोषण एवं हेल्थ चेकअप यह साबित करते हैं कि समाज में बदलाव लाने के लिए छोटे प्रयास भी कितने महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
भविष्य में उमंग फाउंडेशन की योजनाएँ
घनश्याम शर्मा ने आगे बताया कि फाउंडेशन आने वाले समय में और भी अधिक सामाजिक कार्यों में भाग लेगा। चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य या स्वच्छता के क्षेत्र में हो, फाउंडेशन हमेशा सक्रिय रहेगा। उनका उद्देश्य है कि समाज के हर वर्ग तक सहायता पहुँचे और लोगों में सेवा भाव को बढ़ावा मिले।
निष्कर्ष
उमंग फाउंडेशन की यह पहल यह संदेश देती है कि समाज सेवा केवल शब्दों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इसे कर्मों में बदलना आवश्यक है। 2 अक्टूबर के इस विशेष कार्यक्रम के माध्यम से फाउंडेशन ने मरीजों, अस्पताल और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया।
यह कार्यक्रम समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत है और यह दर्शाता है कि सेवा, स्वच्छता और मानवता का कार्य निरंतर जारी रहना चाहिए।
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