डी पी रावत
अखण्ड भारत दर्पण न्यूज
जहां एक ओर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के विलय व बंद होने को लेकर लगातार चर्चाएं तेज हैं, वहीं विकास खंड आनी की ग्राम पंचायत मुंडदल ने एक मिसाल कायम की है। पंचायत की जागरूक जनता ने अपने क्षेत्र के स्थानीय प्राथमिक विद्यालय को बचाने का संकल्प लेते हुए प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को वापस सरकारी स्कूल में दाखिल करवा दिया है।
स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि सरकारी स्कूलों का बंद होना ग्रामीण क्षेत्रों के भविष्य पर सीधा प्रभाव डालता है। इसी सोच के साथ पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने संयुक्त प्रयास कर विद्यालय में नामांकन बढ़ाने का निर्णय लिया।
वर्तमान में स्कूल में करीब 20 विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर यूनिफॉर्म कोड, साफ-सफाई व रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही नर्सरी व प्री-नर्सरी के छोटे बच्चों को शिक्षा देने के लिए एक प्रशिक्षित अध्यापिका की भी नियुक्ति की गई है।
अभिभावकों का कहना है कि सरकारी विद्यालयों में संसाधन हों तो शिक्षा किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं होती। मुंडदल पंचायत का यह प्रयास न केवल सरकारी स्कूल को पुनर्जीवित कर रहा है, बल्कि क्षेत्र की अन्य पंचायतों के लिए भी प्रेरणा बन गया है।

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