डी पी रावत
अखण्ड भारत दर्पण न्यूज
गत बरसाती आपदा ने बंजार विधानसभा क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को गहरा आघात पहुँचाया है। क्षेत्र के 65 प्राथमिक, 2 माध्यमिक, 5 उच्च तथा 9 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायक सुरेंद्र शौरी द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में सरकार ने स्वयं माना कि कुल अनुमानित नुकसान 8 करोड़ 77 लाख रुपये है।
लेकिन, हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी क्षति के बावजूद सरकार ने अब तक मात्र 58 लाख 50 हजार रुपये की ही राशि जारी की है। क्षेत्र में शिक्षा ढांचे की गंभीर स्थिति को देखते हुए यह राशि नगण्य मानी जा रही है।
भवन जर्जर, दीवारें टूटी, छतें टपक रही—सुरक्षा संकट गहराया
क्षेत्र के कई विद्यालय आज भी जर्जर अवस्था में हैं। कई भवन उपयोग के लिए असुरक्षित स्थिति में पहुँच चुके हैं। दीवारों के दरकने, छतों के रिसाव और कमरों के कमजोर ढांचे ने विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है।
विधायक शौरी ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ़ भवनों की मरम्मत का नहीं, बल्कि “बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य” का है।
उन्होंने कहा कि बंजार महाविद्यालय, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुशैनी, माध्यमिक विद्यालय पाशी सहित कई शिक्षण संस्थान त्वरित राहत और मरम्मत कार्यों की प्रतीक्षा में हैं।
त्वरित धनराशि जारी करने की मांग
विधायक ने सरकार से मांग की है कि क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक पूरी धनराशि तुरंत जारी की जाए। साथ ही सभी प्रभावित स्कूलों का मैदानी निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति के अनुरूप त्वरित कार्रवाई शुरू की जाए, ताकि किसी भी बच्चे को आपदा जोखिम भरे भवनों में पढ़ने के लिए मजबूर न होना पड़े।
बंजार क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था इस समय सरकारी उदासीनता और धीमी प्रक्रियाओं के दोहरे संकट से गुजर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में पढ़ने का हक़ है, जिसे लेकर सरकार को अब तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे।

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