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चांदी की कीमतों में तूफानी उछाल; एक हफ्ते में रिकॉर्ड 100 टन पुरानी चांदी बिकी

 डी पी रावत 

अखण्ड भारत दर्पण न्यूज 


देश में चांदी की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने के बीच भारतीय निवेशकों ने मुनाफा वसूली की होड़ शुरू कर दी है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में करीब 100 टन पुरानी चांदी बाजार में बेची गई है। यह मात्रा सामान्य महीनाे में बिकने वाली 10-15 टन से कई गुना ज्यादा है।



बुधवार को रिटेल बाजार में चांदी 1,78,684 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची। गुरुवार को कीमतें थोड़ी नरम होकर 1,75,730 रुपये प्रति किलोग्राम रहीं। इसके बावजूद यह स्तर हाल के निचले दामों की तुलना में करीब 20% अधिक है।


IBJA के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि बढ़ी कीमतों पर लोग मुनाफा कमा रहे हैं। शादी सीजन, छुट्टियों में यात्रा और नकदी जरूरतों के कारण भी भारी बिक्री हो रही है। बाजार में बिकने वाली चांदी का बड़ा हिस्सा पुराने बर्तनों और घरेलू सामान से आया है।




एक साल में दोगुना चढ़ी चांदी, सोने को भी पछाड़ा


वर्ष 2024 की शुरुआत में चांदी की कीमत 86,005 रुपये/किग्रा थी। अब कीमत दोगुने से भी अधिक है। इसी अवधि में सोना लगभग 60% चढ़ा है, जबकि चांदी ने इस साल हर प्रमुख संपत्ति वर्ग को पीछे छोड़ दिया है।





क्यों चढ़ रहीं चांदी की कीमतें?


वैश्विक स्तर पर आपूर्ति की कमी


अमेरिक‍ा में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद


डॉलर में कमजोरी, लेकिन रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत


औद्योगिक मांग, खासकर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में बढ़ोतरी



वाशिंगटन स्थित सिल्वर इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से चांदी की वैश्विक मांग लगातार आपूर्ति से ज्यादा बनी हुई है। अधिकतर चांदी सोना, जस्ता और सीसा खनन के उपोत्पाद के तौर पर निकलती है, इसलिए उत्पादन तेजी से नहीं बढ़ पा रहा।




वैश्विक उत्पादन स्थिर, मांग तेज


2025 में वैश्विक खनन से चांदी की आपूर्ति 813 मिलियन औंस रहने का अनुमान है। कुल आपूर्ति 1.022 बिलियन औंस और मांग 1.117 बिलियन औंस रहने की उम्मीद है—यानी भारी गैप।





भारत में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी


दिवाली और धनतेरस पर गिरावट के बाद अब तेज रफ्तार ने निवेशकों को फिर आकर्षित किया है। पुरानी चांदी की रिकॉर्ड बिक्री से साफ है कि लोग ऊंचे भाव का लाभ उठा रहे हैं। खुदरा और संस्थागत निवेशक भी तेजी से बाजार में सक्रिय हो रहे हैं।


2.4 लाख रुपये/किग्रा तक जा सकती है चांदी: अनुमान


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के नवीन दमानी के मुताबिक चांदी 2026 की पहली तिमाही तक 2 लाख रुपये/किग्रा और वर्ष के अंत तक 2.4 लाख रुपये/किग्रा तक जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेजी जारी रहने का अनुमान है और चांदी 75 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है।

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