सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अप्रिय घटना सामने आई जब एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई की बेंच में जूता फेंकने का प्रयास किया। आरोपी वकील की पहचान राकेश किशोर (उम्र 60 वर्ष से अधिक) के रूप में हुई है। घटना के दौरान वह “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे” जैसे नारे लगाते रहे।
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर राकेश किशोर को हिरासत में ले लिया। CJI गवई इस घटना से प्रभावित नहीं हुए और अदालत की कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया।
कौन है वकील राकेश किशोर ?
जानकारी के अनुसार राकेश किशोर वर्ष 2011 से सुप्रीम कोर्ट में रजिस्टर्ड वकील हैं। घटना के समय उनके पास वैध वकील एंट्री कार्ड भी था। दिल्ली पुलिस और सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा अधिकारी आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं। घटना के बाद कोर्ट परिसर की सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है।
अदालत में क्या हुआ
घटना कोर्टरूम नंबर 1 में हुई, जहां राकेश किशोर जजों की बेंच के पास पहुंचे और अपना जूता CJI की ओर फेंकने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उन्हें रोक लिया। कोर्ट में मौजूद वकीलों और कर्मचारियों ने भी इस अप्रिय घटना को नजदीक से देखा।
CJI गवई का शांत रिएक्शन
पूरे घटनाक्रम के दौरान CJI बीआर गवई शांत और स्थिर रहे। उन्होंने अन्य वकीलों से कहा कि इस घटना पर ध्यान न दें और अपने तर्क जारी रखें। CJI ने कहा, “इस सब पर ध्यान मत दें। हम प्रभावित नहीं हैं। ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।”
हमले की संभावित वजह
माना जा रहा है कि यह घटना सुप्रीम कोर्ट के 16 सितंबर के फैसले से जुड़ी है। उस दिन CJI गवई की बेंच ने मध्य प्रदेश के खजुराहो स्थित जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति की पुनर्स्थापना की याचिका खारिज कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राकेश किशोर इस फैसले और अदालत की टिप्पणियों से नाराज थे।
वकील समुदाय की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडे ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अदालत में किसी भी प्रकार का हमला पूरी तरह से गलत है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस घटना ने न्यायपालिका की सुरक्षा और अदालतों की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपी से पूछताछ जारी है।
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