Breaking News

10/recent/ticker-posts

लिंग अनुपात को सुधारने के लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम का सफल कार्यान्वयन आवश्यक है—अपूर्व देवगन

 मंडी, 28 जनवरी।

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रभावी कार्यान्वयन लिंगानुपात में सुधार करने के लिए आवश्यक है। उपायुक्त जिला परिषद भवन मंडी में पोक्सो और पीएनपीएनडीटी एक्ट की जानकारी देने वाली एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। महिला एवं बाल विकास विभाग मंडी ने कार्यशाला का आयोजन किया था


 कार्यशाला में जिला पुलिस, स्कूलों से शिक्षक और बाल अधिकारों के लिए काम कर रहे एनजीओ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साथ ही, कार्यशाला में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 की जानकारी दी गई। अपूर्व देवगन ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम को 10 वर्ष हो गए हैं और राज्य ने इसके तहत बहुत कुछ हासिल किया है। 

उनका कहना था कि सभी को इस कार्यक्रम में सहयोग देना चाहिए क्योंकि हम सब समाज का एक हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि बाल लिंगानुपात में कमी और वृद्धि को रोकने के लिए, सभी नागरिकों को पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम का ज्ञान होना चाहिए। 


नरेश अधिवक्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने कार्यशाला में पोक्सो, विवेक डोगरा उप जिला न्यायवादी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989, डॉ दिनेश ठाकुर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम और डीएसपी सुंदरनगर भरत भूषण के बारे में बताया। महिला एवं बाल विकास विभाग पीसीपीएनडीटी को लागू करने का जिम्मेदार है, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल ने कहा। स्वास्थ्य विभाग इसे लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग पता नहीं चला। इसकी कोशिश की जाती है। 


16 वर्ष से कम आयु की पीड़िता को पोक्सो के तहत मामला दर्ज होने पर 21 वर्ष की आयु तक 7500 रुपये प्रति माह दिया जाता है।उन्होंने महिला और पुरुष हेल्पलाइनों के बारे में भी बताया। जिला कल्याण अधिकारी समीर ने युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।

News source

Post a Comment

0 Comments