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अब प्लास्टिक नहीं, पेड़ लगाना बना पर्यटन का नया ट्रेंड तीर्थन घाटी में पर्यटकों ने पौधरोपण कर पेश की जिम्मेदार पर्यटन की मिसाल

 

परस राम भारती

2नवंबर 2025

बंजार 


हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत तीर्थन घाटी अब जिम्मेदार पर्यटन का नया केंद्र बनती जा रही है। यहां आने वाले पर्यटक केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ही नहीं ले रहे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं।


हाल ही में भारत की अग्रणी ट्रैवल कंपनी एक्सपीडिया की 20 सदस्यीय टीम तीर्थन घाटी के सनशाइन हिमालयन कॉटेज ईकोलॉज पहुँची। टीम ने वहां सिल्वर ओक के पौधे लगाकर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया। इस पौधारोपण अभियान का नेतृत्व आर्चित, राजेश चड्ढा और एकता ने किया।



टीम के सदस्यों ने कहा कि अगर हर पर्यटक यात्रा के दौरान पर्यावरण की जिम्मेदारी समझे और पौधारोपण जैसी छोटी पहल करे, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण छोड़ा जा सकता है।





इस अवसर पर हिमालयन वॉलंटियर टूरिज़्म के संस्थापक व ईको-टूरिज़्म सलाहकार पंकी सूद ने कहा कि सच्चा पर्यटन वही है जो स्थानीय पर्यावरण और संस्कृति दोनों को सहेजे। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों को हर पर्यटन गतिविधि का हिस्सा बनाना चाहिए।


पौधारोपण के दौरान टीम ने प्लास्टिक या किसी भी तरह का कचरा फैलाने से परहेज़ किया। उनके इस ईको-फ्रेंडली व्यवहार के लिए सनशाइन हिमालयन कॉटेज की ओर से उन्हें “ईको क्रेडिट्स” देकर सम्मानित किया गया, जिनका उपयोग वे अपनी अगली यात्रा में कर सकेंगे।


धीरे-धीरे तीर्थन घाटी सस्टेनेबल टूरिज़्म का एक आदर्श उदाहरण बनती जा रही है, जहाँ पर्यटक और प्रकृति दोनों एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।




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