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कमाल के जादूगर थे सत्यजीत रे : पारो शैवलिनी।

 




 सत्यजीत रे एक ऐसा नाम जो किसी के परिचय का मोहताज नहीं। कलकत्ता (अब कोलकाता) में दो मई 1921 को जन्मे सत्यजीत रे का इस साल फिल्म संसार एक सौ चौरासीवी जन्म जयंती मना रही है। फिल्म जगत का कोई भी ऐसा विभाग नहीं जिसका वो मास्टर नहीं। 

 *1955 में पहली बंगला फिल्म पाथेर पांचाली

 *1956 में अपराजितो 

 *1959 में द वर्ल्ड आफ अपू 

 *1960 में देवी 

 *1964 में चारूलता

 *1966 में नायक

 *1968 में महानगर

 *19369 में गोपी गाइन वाघा वाइन

 और हिंदी में एकमात्र शतरंज के खिलाड़ी आदि फिल्मों बनाई। सिनेमा जगत आजीवन इस फिल्म स्तंभ को दिल से याद करती रहेगी।

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